tag:blogger.com,1999:blog-1878741599429653008.post3717869901257049019..comments2024-03-25T14:50:26.850+05:30Comments on chavanni chap (चवन्नी चैप): दरअसल:रामगोपाल वर्मा की ताज यात्राchavannichaphttp://www.blogger.com/profile/11234137563285061161noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1878741599429653008.post-38727944649573777682008-12-12T13:57:00.001+05:302008-12-12T13:57:00.001+05:30आप की सोच सही ही है मुझे आज भी याद है कि जब ...आप की सोच सही ही है मुझे आज भी याद है कि जब अमित जी राजीव गांधी के साथ के साथ राजनीती में आए थे तो हमारे एक तथाकथित नेता मित्र जो अपने को 'समाज वादी 'घोषित कर चुके थे ,बड़े अफसोस से बोले अब नचनिया गवैया देश कि राजनीत चलाएंगे ? मुझे हँसी आगई थी ! वह पूछ बैठे मैं क्यों हंसा था उन्होंने तो इतनी गंभीर ढंग से देश के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कि थी ? मैं बात '' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा ::https://www.blogger.com/profile/02846750696928632422noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1878741599429653008.post-87002833633932260222008-12-12T13:57:00.000+05:302008-12-12T13:57:00.000+05:30आप की सोच सही ही है मुझे आज भी याद है कि जब ...आप की सोच सही ही है मुझे आज भी याद है कि जब अमित जी राजीव गांधी के साथ के साथ राजनीती में आए थे तो हमारे एक तथाकथित नेता मित्र जो अपने को 'समाज वादी 'घोषित कर चुके थे ,बड़े अफसोस से बोले अब नचनिया गवैया देश कि राजनीत चलाएंगे ? मुझे हँसी आगई थी ! वह पूछ बैठे मैं क्यों हंसा था उन्होंने तो इतनी गंभीर ढंग से देश के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कि थी ? मैं बात '' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा ::https://www.blogger.com/profile/02846750696928632422noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1878741599429653008.post-46369759037813737342008-12-12T09:10:00.000+05:302008-12-12T09:10:00.000+05:30मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। मुझे भी यही लगता है कि...मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। मुझे भी यही लगता है कि इस बात को अनावश्यक तूल दिया गया है। हमें सोच के स्तर पर और उदार होने की ज़रूरत है। <BR/>- आनंदआनंदhttps://www.blogger.com/profile/08860991601743144950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1878741599429653008.post-88250149434484759092008-12-12T00:48:00.000+05:302008-12-12T00:48:00.000+05:30आपकी बात को थोड़ा सा घुमाकर कहूँ तो यह सच है कि सिन...आपकी बात को थोड़ा सा घुमाकर कहूँ तो यह सच है कि सिनेमा को लेकर द्विस्तरीय सोच हमारे समाज में हमेशा रही है। यदि यही घटना दक्षिण में होती और रजनीकांत या चिरंजीवी किसी मुख्यमंत्री के साथ होते तो यह मुद्दे की शक्ल नहीं लेता। वहां और उत्तर भारत में सिने-स्टार अलग-अलग किस्म के जीव माने जाते हैं।<BR/>जहां तक द्विस्तरीय सोच का मसला है, वह मुझे इतना गलत नहीं लगता क्योंकि उसका कारण बहुत हद तक बालीवुड ही है,महेनhttps://www.blogger.com/profile/00474480414706649387noreply@blogger.com