दरअसल : हीरोइनें हैं बराबर और आगे



दरअसल...
हीरोइनें हैं बराबर और आगे
-अजय ब्रह्मात्‍मज
हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री में पुरुषों के वर्चस्‍व की बात की जाती है। सभी मानते और जानते हैं कि हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री मेल डोमिनेटेड है....जैसे कि पूरा समाज है। यहां हीरो को ज्‍यादा पैसे मिलते हैं। फिल्‍मों के हिट होने का श्रेय हीरो ही ले जाता है। हीरोइनों के बारे में तभी अलग से लिखा और श्रेय दिया जाता है,जब फिल्‍म हीरोइन ओरियेंटेड होती है। यही धारणात्‍मक सच्‍चाई है।
पिछले दिनों एक ट्रेड मैग्‍जीन ने पिछले नौ सालों में देश की भिन्‍न टेरिटरी में सर्वाधिक लोकप्रिय रहे स्‍टारों की लिस्‍ट छापी है। उसे गौर सेपढ़ें तो रोचक तथ्‍य सामने आते हैं1 देश में मुंबई,दिल्‍ली-यूपी,ईस्‍ट पंजाब,सीपी,सी आई,राजस्‍थान,निजाम एपी,मैसूर,वेस्‍ट बंगाल,बिहार-झारखंड,असम,ओडिसा और टीएनके 13 टेरिटरी हैं। इनमें कलेक्‍शन के हिसाब से सबसे बड़ी टेरिटरी मुंबई है। मुंबई में आमिर खान सबसे अधिक कलेक्‍शन के साथ नंबर वन पर हैं। नौ सालों में उनकी छह फिल्‍में रिलीज हुईं और उनसे 4 अरब 10 करोड़ का कलेक्‍शन हुआ। हालांकि कुल कलेक्‍शन में शाह रुख खान आगे रहे,लेकिन इस दरम्‍यान उनकी 11 फिल्‍में रिलीज हुईं। प्रति फिल्‍म कलेक्‍शन के अनुपात में आमिर खान अव्‍वल रहे। सलमान खान,रितिक रोशन और वरुण धवन उनके नीचे रहे।
इन नौ सालों में आमिर और शा रुख के कलेक्‍शन के बराबर या ज्‍यादा आंकड़ा लेकर हीरोइनें आईं। कट्रीना कैफ,अनुष्‍का शर्मा,करीना कपूर खान,दीपिका पादुकोण और सानोक्षी सिन्‍हा की फिल्‍मों ने 4 से 5 अरब का कलेक्‍शन किया। अफसोस की बात है कि इस कलेक्‍शन और कामयाबी में हीरोइनों के योगदान को रेखांकित ही नहीं किया जाता। फिल्‍मों की संख्‍या के लिहाज से देखें तो आमिर खान ने 6,सलमान खान ने 15,शाह रुख खान ने 11,रितिक रोशन ने 8 और वरुण धवन की 9 फिल्‍में प्रदर्शित हुईं। अब जरा हीरोइनों की फिल्‍मों की संख्‍या देख लें। करीना कपूर खान की 18,कट्रीना कैफ की 15,दीपिका पादुकोण की 17,सोनाक्षी सिन्‍हा की 15 और अनुष्‍का शर्मा की 14 फिल्‍में आईं।
फिल्‍मों की संख्‍या और कलेक्‍शन के लिहाज से हीरोइनें कतई पीछे नहीं हैं। फिर भी हिंदी फिल्‍मों की सक्‍सेस स्‍टोरी में उनका महत्‍व नहीं जोड़ा जाता। वास्‍तव में हमें नए मिजाज के ट्रेड पंडितों और फिल्‍मों की कामयाबी के व्‍याख्‍याकारों की जरूरत है। हमें नए तरीके से बॉक्‍स आफिस का विश्‍लेषण करना होगा। स्‍वयं हीरोइनों का इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। कोई दुखी हो या नाराज...उन्‍हें अपने इंटरव्‍यू में अपनी कामयाबी और फिल्‍मों के कलेक्‍शन का उल्‍लेख करना चाहिए। निर्माता-निर्देशकों को सिर्फ पर्दे पर हीरो के पहले हीरोइनों का नाम देकर अपने कर्तव्‍य की इतिश्री नहीं करनी चाहिए। उन्‍हें अपनी हीरोइनों को भी सिंहासन पर बिठाने की आदत पड़े।
यह सिर्फ कहने की बात नहीं है कि हीरोइनें हीरो के समकक्ष आ चुकी है। वे उनके बराबर और आगे का काम कर रही हैं। अब इसे बार-बार रेखांकित और उल्लिखित करने का समय आ गया है। इस कार्य में हीरोइनों को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्‍हें अपना हक खुद ही लेना होगा। तभी उन्‍हें अपने हीरो के समकक्ष पारिश्रमिक मिल पाएगा।
ट्रेड मैग्‍जीन के सवेक्षण में पूरे देश में हीरो में आमिर खान और हीरोइन में अनुष्‍का शर्मा अव्‍वल रहे। केवल बिहार-झारखंड में राष्‍ट्रीय रुचि से अलग सलतान खान और सोनाक्षी सिन्‍हा अव्‍वल रहे। है न यह रोचक विक्षेप।
(प्रिय मित्रों और पाठको...फिलहाल यह मेरा आखिरी कॉलम है। हर आरंभ का एक अंत होता है। विराम के बाद नया अध्‍याय शुरू होता है। आप सभी के स्‍नेह और प्‍यार का मैं कृतज्ञ हूं। अलविदा।)  

Comments

sonal said…
vishvaas hai ,aap ek naye kalevar mein waapsi karenge
aapke alokhon ki niyamit pathika

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम