हिट है हमारी जोड़ी - वरुण धवन



हिट है हमारी जोड़ी - वरुण धवन
-अजय ब्रह्मात्‍मज
कायदे से अभी उन्‍हें एक्टिंग करते हुए पांच साल भी नहीं हुए हैं। अक्‍टूबर 2012 में करण जौहर के निर्देशन में बनी स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर मेकं लांच हुए। तब से यह उनकी आठवीं फिल्‍म होगी। 2014 में आई शशांक खेतान की फिल्‍म हंप्‍टी शर्मा की दुल्‍हनिया की फ्रेंचाइजी फिल्‍म बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया में वे फिर से आलिया भट्ट के साथ दिखेंगे। उनकी आठ में से तीन फिल्‍मों की हीरोइन आलिया भट्ट हैं। कह सकते हैं कि दोनों की जोड़ी पसंद की जा रही है। इध हिंदी फिल्‍मों में जोडि़यां बननी बंद हो गई हैं। वरुण व्‍यस्‍त हैं और पांच सालों में ही स्‍क्रीन पर उन्‍होंने परफारमेंस में वैरायटी दिखाई है।
बातचीत की शुरूआत में सोशल मीडिया का जिक्र आ जाता है। वरुण ट्वीटर पर काफी एक्टिव हैं। वे उसका सही उपयोग करते हैं। इसके बावजूद वे कुछ अनग सोचते हैं, मुझे लगता है कि सोशल मीडिया हमें एंटी सोशल बना रहा है। लोग हर बात और घटना को इंटरनेट पर डालना चाहते हैं। हमारी पूरी जिंदगी इंटरनेट तक सिमट गई है। हालांकि एक्‍टर के तौर पर पब्लिसिटी के लिए मैं भी इसका इस्‍तेमाल कर रहा हूं,लेकिन मुझे थोंड़ा अनहेल्‍दी लगता है। संतुलन होना चाहिए। शुद्धता बनी रहेगी। सुकून भी रहेगा। अपनी फिल्‍मों को लेकर वरुण साकांक्ष हैं। वे खयाल रखते हैं, मेरी फिल्‍मों में संदेश भी रहे और एंटरटेनमेंट भी रहे। हंसने के साथ वे कुछ सीख कर निकलें। अभी नहीं बता सकता,लेकिन बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया में एक संदेश है।
वरुण को लांच कर चुके करण जौहर उनके गा इड हैं। किसी फिल्‍म के लिए हां कहने के पहल उनसे सलाह-मशविरा लाजिमी है। वरुण बताते हैं, करण कभी फोर्स नहीं करते। उन्‍होंने इस फिल्‍म के लिए कहा था कि बद्री... की स्क्रिप्‍ट सुन ले। मुझे हां कहते देर नहीं लगी। वे स्‍पष्‍ट करते हैं,य‍ह हंप्‍टी... की सीक्‍वल नहीं हैं। इसे लव फ्रेंचाइज कह सकते हैं। इसमें लड़का झांसी से हैं और लड़की कोटा से है। उनके बीच प्‍यार हो जाता है। दोनों शहरों के बीच चार घंटे की दूरी है,लेकिन यह चार घंटे की दूरी लोगों को बिल्‍कुल अलग कर देती है। पूरी टीम वही है। शशंक और आलिया की वजह से कंफर्ट है। देख-रेख के लिए करण हैं ही। हुई है। यह धर्मा प्रोडक्‍शन की पहली फिल्‍म है,जो झांसी और कोटा जैसे छोटे शहरों में शूटहम सभी साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं। कोई पीछे नहीं छूटा है।
अपनी को-एक्‍टर आलिया भट्ट की प्रशंसा में वरुण पीछे नहीं रहते। साथ ही वे फिल्‍म के बारे में भी बताते हैं, आलिया में जबरदस्‍त निखार आया है। आलिया के साथ काम करने में मजा आता है। हमारा अच्‍छा रिश्‍ता है। हमारी केमिस्‍ट्री दर्शकों को अच्‍छी लग रही है। हमारी पीढ़ी में जोडि़यां नहीं बन पा रही है। अभी तक हमारी पिछली दोनों फिल्‍में चली हैं। उम्‍मीद है कि यह भी चलेगी। धर्मा प्रोडक्‍शन की इस लव स्‍टोरी का फ्लेवर बिल्‍कुल अलग है। जबरदस्‍त ड्रामा है। इस फिल्‍म के लिए मैंने शशांक से वहां के यूथ के वीडियो मंगवाए थे। हाव-भाव और भाषा के लिए उन्‍हें देखा। मेरे घर पर नार्थ के काफी लोग हैं। उनसे सीखा। शशांक से साथ स्क्रिप्‍ट रीडिंग और वॉयस के अभ्‍यास हुए। इन सबसे काफी मदद मिली। सच कहूं तो मैं बद्री की तरह हो गया था।
अपनी पीढ़ी के अभिनेताओं में सफलता और विविधता के लिहाज से वरुण आगे हैं। फिलमों के विषय और रोल पर ध्‍यान दे रहे हैं। वरुण इसका श्रेय अपनी टीम और परिवार को देते हैं, मेरे आसपास के लोग नहीं बदले हैं। हां,कुछ नए जुड़ गए हैं। मेरी सफलता को क्रेडिट उन्‍हें मिलना चाहिए। शशांक और डैड के साथ मेरी दूसरी फिल्‍में आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि मेरे निर्देशक मुझे रिपीट करें। वरुण आज की पीड़ी के युवक हैं। अपने समय और समाज के प्रति जागरुक..वे कहते हैं, हम भी राय रखते हैं। हमारे आसपास जो हो रहा है,उस पर रिएक्‍ट करते हैं। पब्लिक प्‍लेटफार्म पर भले ही खुल कर नहीं बोल सकूं। एक हिंदुस्‍तानी की तरह कुछ चुभता है तो तकलीफ भी होती है। अपनी तकलीफ जाहिर नहीं कर पाते। अपनी पीढ़ी के बारे में यही कहूंगा कि वे जल्‍दबाजी में रिएक्‍ट न करें। पहले रिएक्‍ट कर सिकंदर न बनें। अपने फैथ्‍ट्स चेक कर लें।
वरुण की एक्टिंग किसी एक कलाकार से प्रभावित नहीं है,लेकिन मॉम-डैड के प्रभाव में उन्‍होंने पीटर सेलर्स,धर्मेन्‍द्र,देव आनंद और महमूद की काफी फिल्‍में देखी हैं। वरुण की कोशिश रहती है कि वे हिंदी की फिल्‍में देखते रहें। शायद वहीं से उन्‍हें खुराक मिलती हो।

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