दरअसल : फिर से आमने-सामने शाह रुख और भंसाली



-अजय ब्रह्मात्‍मज
       खोजबीन की जाए तो यह पता चल जाएगा कि शाह रुख खान और संजय लीला भेसाली में से किस ने पहले घोषणा की थी कि उसकी फिल्‍म 18 दिसंबर,2015 को रिलीज होगी। फिलहाल स्थिति यह है कि शाह रुख खान की दिलवाले और संजय लीला भंसाली की बाजीराव मस्‍तानी एक ही दिन रिलीज हो रही हैं। मजेदार तथ्‍य यह भी है कि दोनों की फिल्‍मों को उनके नाम से ही जाना जाता है,जबकि शाह रुख खन अपनी फिल्‍म के निर्माता और अभिनेता हैं और संजय लीला भंयाली निर्माता होने के साथ निर्देशक हैं। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। 9 नवंबर,2007 को रिलीज हुई ओम शांति ओम और सांवरिया को भी उनके नाम से ही जाना गया था। उन्‍हें उनकी टक्‍कर के रूप में देखा गया था। यह दो बड़े नामों के आमने-सामने आने की वजह से हुआ था। वही अब भी हो रहा है। इस बार दिलवाले के निर्देशक रोहित शेट्टी है और बाजीराव मस्‍तानी के अभिनेता रणवीर सिंह हैं। इस टक्‍ककर में उनदोनो का कोई तजक्र नहीं है। यह भी रोचक है कि पिछली बार शाह रुख खान की नायिका थीं दीपिका पादुकोण। इस बार वह टक्‍कर में आ रही फिल्‍म की नायिका हैं।
    इन दोनों फिल्‍मों की टकराहट से संजय लीला भंयाली नाखुश हैं। उनका दावा है कि उन्‍होंने पहले फिल्‍म की रिलीज की तारीख की घोषणा की थी। शाह रुख खान ऐसा दावा नहीं करते। वे दोनों फिल्‍मों की एक साथ रिलीज को बेहतर नहीं मानते,लेकिन यह भी स्‍वीकार करते हैं कि अब इस टकराहट को टालना मुश्किल है। ट्रेड पंडित अपने हिसाब से संजय या शाह रुख के पक्ष में बोल रहे हें। कुछ ने तो खुल कर कहा कि बाजीराव मस्‍तानी की रिलीज आगे बढ़ा देनी चाहिए। 25 दिसंबर को कोई बड़ी फिल्‍म नहीं है। दोनों में से कोई भी खिसकने को तैयार नहीं है। दोनों संभावित नुकसान को समझ रहे हैं। फिर भी युक्ति लगाने मे लगे हें। वे अपनी फिल्‍मों का यथोचित प्रचार कर रहे हैं। कोशिश है कि उनकी फिल्‍म को दर्शक पहले देखें। आदतन शाह रुख खान इस प्रचार में आगे हैं। इन दिनों पहले दिन का कलेक्‍शन और सप्‍ताहांत की कमाई पर सबकी नजर रहती है। उनसे तय हो जाता है कि फिल्‍म की कुल कमाई क्‍या रहेगी?
     ट्रेड के आशावादी विश्‍लेषक 15 जून,2001 को एक साथ रिलीज हुई गदर और लगान का उदाहरण देते हैं। तब दोनों फिल्‍मों ने दर्शकों को आकर्षित किया था और सफल रही थीं। यों कुल कमाई के लिहाज से गदर आगे निकल गई थी। माना जा रहा है कि 14 सालों के बाद एक बार फिर ऐसा हो सकता है। मुमकिन है ऐसा हो और दोनों में से कोई नुकसान में न रहे। इस उम्‍मीद के बावजूद ट्रेड के एक जानकार कहते हैं कि दोनों फिल्‍मों ने एक साथ आकर पहले हफ्ते के अपने 30 प्रतिशत दर्शक खो दिए हैं। दोनों के दर्शक कटेंगे। इसका असर बाक्‍स आफिस पर पड़ेगा। निस्‍संदेह दोनों फिल्‍में अलग-अलग हफ्तों में आतीं तो अपना सौ प्रतिशत बटोर पातीं। 18 दिसंबर इस साल मनोरजन जगत की मनोरंजक लड़ाई के रूप में याद की जाएगी। फिछली बार तो शाह रुख जीत गए थे। इस बार किस का पलड़ा भारी होगा?
     फिलहाल जिस फिल्‍म जिस दिन कोई इवेंट रहता है,उस दिन वह फिल्‍म ट्रेंड करने लगती है। सोशल मीडिया साइट लोकप्रयता के नए मापदंड हो गए हैं। विभिन्‍न माध्‍यमों की गतिविधि और उसमें प्रशंसकों की शिरकत से कोई फिल्‍म ठंडी और गर्म मानी जाती है। ऊपरी तौर पर दिलवाले फिल्‍म शाह रुख खान और काजोल की सदाबहार जोड़ी है। उसके अलावा कृति सैनन और वरुण धवन की युवा जोड़ी का भी आकर्षण है। और फिर फिल्‍म रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी है,जिनकी पिछली फिल्‍में सफल रही हैं। दूसरी तरफ बाजीराव मस्‍तानी में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की चर्चित जोड़ी है। दोनों की पिछली फिल्‍म गोलियों की रासलीला-रामलीला हिट रही थी। उसके निदे्रशक संजय लीला भंसाली ही थे। इस बार उन दोनों को उन्‍होंने हिस्‍टोरकल फिल्‍म में पेश किया है। अभी तक आए प्रोमा और गानों से दर्शकों की जिज्ञासा बढ़ चुकी है।
       लोकप्रियता की डंडी अभी दोनों फिल्‍मों के पलड़ों के लिए समतल है। रिलीज के दिन और बाद में दर्शक ही किसी एक पलड़े को भारी करेंगे। अभी से कोई भी भविष्‍यवाणी करना दर्शकों के रहस्‍यपूर्ण विवेक को चुनौती देना होगा। वे सूंघ लेते हैं।
   

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