नए रंग-ढंग में रंगी, सजी और धजी ‘रंगोली’


- अमित कर्ण
भारतीय टेली जगत आठवें दशक का एहसानमंद रहेगा। वजह ‘रंगोली’, ‘रामायण’, ‘महाभारत’, ‘हम लोग’, ‘बुनियाद’ जैसे आयकॉनिक शो थे। उनका इंतजार पूरा परिवार करता था। वे जोरदार मनोरंजन करते थे। साथ ही ज्ञान और मनोरंजन की भरपूर खुराक भी देते थे। ‘रंगोली’ तो गानों का खजाना हुआ करता था। खासकर, उस जमाने में जब घर में डीवीडी प्लेयर्स या मोबाइल नहीं थे। तब दूरदर्शन ही था, जो हर नई फिल्म के गाने हम तक पहुंचाया करता था। आज आईट्यून्स के जमाने में वही ‘रंगोली’ एक बार नए तेवर और कलेवर के साथ 15 नवंबर को लौंच हुई है। उसे स्वरा भास्कर होस्ट कर रही हैं। शो में प्रयोग मुंबई दूरदर्शन केंद्र के एडीजी मुकेश शर्मा और एडीपी शैलेष श्रीवास्तव के हैं। मुकेश शर्मा इन दिनों फिल्म्स डिवीजन के भी मुखिया हैं। दोनों मिलकर ‘रंगोली’ को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। शो को रीना पारिक ने लिखा है। वे बालाजी टेलीफिल्म्स की डायलॉग रायटर भी हैं।
    शो से जुडऩे के बारे में स्वरा भास्कर ने बताया , ‘दो अहम कारण हैं। एक  यह कि एक्टर होने के नाते लालची हूं। हर तरह काम करना चाहती हूं। दूसरा यह कि दूरदर्शन की रीच बाकी सैटेलाइट चैनलों से कई गुना ज्यादा है। ऊपर से ‘रंगोली’ अपने आप में आयकॉनिक प्रोग्राम है। ऐसे में यह मुझे लाखों-करोड़ों दिलों के पास ले जा रही है। फिर इससे मेरी यादें भी जुड़ी हैं। मेरे घर में केबल काफी लेट आया था तो ‘रंगोली’ के जरिए ही मैं हिंदी फिल्मों व गानों तक पहुंच पाई। इससे पहले ‘संविधान’ में मैंने एंकरिंग की थी। ये ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनसे आप के ज्ञान में इजाफा भी होता है। इसलिए इसे न करने का तो कोई कारण ही नहीं था। शो में हमने मस्ती, शरारत के तत्व ज्यादा मिलाए हैं। दर्शकों के संग दोस्ताना व्यवहार रख रही हूं। दूरदर्शन के मौजूदा अधिकारी भी बड़े लचीले हैं। वे कंटेंट को नौकरशाही के डंडे से नहीं हांक रहे।’
    ‘रंगोली’ की प्रोड्यूसर व डायरेक्टर शैलेष श्रीवास्तव बताती हैं, ‘हमारी कोशिश हर वर्ग का दिल जीतने की है। नए-पुराने लोकप्रिय, कल्ट गानों को समेटने की कोशिश की गई है ताकि लोगों को ऐसा शो मिल सके, जिसे पूरा परिवार साथ बैठकर देख सके। उनकी संडे की सुबह का आगाज बढिय़ा हो। हां, इसका मतलब यह नहीं कि ‘साड़ी के फॉल सा..’ जैसे गानों को वरीयता दी जाएगी। हम शो के स्तर से समझौता नहीं करना चाहते। तभी इससे पहले एनएफडीसी, अमित खन्ना व धीरज कुमार के प्रॉडक्शन हाऊस के साथ मिलकर बनाया था। आज की तारीख में ‘रंगोली’ जैसे प्रोग्राम के लिए गानों की स्क्रूटनी काफी चैलेंजिंग होती है। सब उम्र वर्ग को अपील व कनेक्ट करने वाले गाने बन नहीं रहे। साथ ही जो बड़ी म्यूजिक कंपनियां हैं, उनका रवैया सहयोगात्मक नहीं है। यशराज और टी-सीरिज अपने गानों की कीमत बहुत ज्यादा मांगती हैं।’
    इस शो को स्वरा भास्कर बहुत उम्दा तरीके से होस्ट कर रही हैं। उनके अलावा मेरे जहन में साक्षी तंवर भी थीं। शो को पॉपुलर बनाने के लिए हम प्रयोग करने को ओपन हैं। हम फिल्म प्रमोशन करने के लिए भी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बखूबी करने देने को राजी हैं। हम शो की मेकिंग का एवी(ऑडियो-विजुअल) भी डालना चाहते हैं।
    शो की क्रिएटिव रायटर रीना पारिक के मुताबिक, ‘इस जमाने की पूरी युवा पीढ़ी का बचपन इस शो से जुड़ा रहा है। इसके अलावा ‘चित्रहार’ के जरिए गाने हम तक पहुंचते थे। आज भी दूर-दराज के इलाकों में दूरदर्शन एकमात्र जरिया है। उन लोगों की एंटरटेनमेंट भूख को मिटाने के लिए ‘रंगोली’ की अवधारणा तैयार की गई। मेरी कोशिश गानों की मेकिंग से जुड़ी हर बारीकी को उभार कर सामने लाना है। मिसाल के तौर पर शाह स्ख खान गिटार काफी यूज करते हैं तो राजकपूर सिम्फनी। ऐसे ही देव आनंद साहब माउथ ऑर्गन इस्तेमाल करते थे। उन सबकी बैक स्टोरी क्या रही है, यह इस बार की ‘रंगोली’ का केंद्र है। फिर जिन पर गाने फिल्माए गए हैं, उनकी रचनात्मक क्षमता को भी सामने लाने की मेरी कोशिश है। जैसे धर्मेंद्र, मनोज कुमार, मीना कुमारी बड़े अच्छे रायटर व शायर रहे हैं। फरहान अख्तर भी बहुत अच्छा लिखते हैं। उन जैसे अन्य कलाकारों की अनकही, अनसुनी कहानियों का खजाना भी इस शो में होगा।’

   
   

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