भाते हैं अपने मिजाज से अलग किरदार-जिम्मी शेरगिल


-अजय ब्रह्मात्मज
    कबीर सदानंद की ‘फगली’ में जिम्मी शेरगिल दिल्ली पुलिस के हरियाणवी पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभा रहे हैं। अपने अंदाज और लहजे में उन्होंने हरियाणवी खूबियां उतार ली हैं।
- ‘फगली’ में आप का हरियाणवी अंदाज आ रहा है?
0 दिल्ली पुलिस का एक ऑफिसर है। वह हरियाणवी है। भाषा, लहजा और अंदाज हरियाणा का है। वह थोड़ा सिरफिरा है। पुलिस रूलबुक उसे याद है। गंदी और बुरी स्थितियों में भी फायदा उठाने से नहीं हिचकता। वह इंटरेस्टिंग होने के साथ विचित्र भी है। कोई नहीं बता सकता है कि अगले पल ही वह क्या करेगा? वह अडिय़ल, चालाक और तेज दिमाग है। वह सिस्टम और पब्लिक के बीच का लिंक है।
- मतलब सिस्टम की कमजोरियों और सूराखों से परिचित है और उसका फायदा उठाता है?
0 हां,एक हद तक। अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि कुछ पुलिस अधिकारी सारे नियम-कानून जानते हैं। कबीर ने इस किरदार को रोचक तरीके से प्रजेंट किया है। पुलिस के तौर-तरीकों को बारीकी से रखा गया है।
- आप के अपने मिजाज से ऐसे किरदार मेल नहीं खाते तो फिर निभाने में दिक्कत होती होगी?
0 मजा आता है। जो आप नहीं होते हैं, उसे पर्दे पर निभाना हो,यही तो एक्टिंग की खूबसूरती है। मैं बेफिक्र और खुद में डूबा व्यक्ति हूं। लेकिन अगर कोई पुश करे तो खोपड़ी घूम जाती है। कभी किसी पर चिल्लाता नहीं। मुझ जैसे व्यक्ति को ऐसा या साहब जैसा रोल मिलता हे तो उसे निभाना चुनौती होती है। डायरेक्टर के साथ मिल कर फिल्म का सुर पकडऩा पड़ता है। मैं डायरेक्टर की सोच से ही चलता हूं। कुछ जटिल किरदारों पर बातें करते समय हम अपने सुझाव भी दे देते हैं। ‘साहब बीवी और गैंगस्टर’ के समय तिग्मांशु ने कहा था कि साहब ऐसा किरदार है जो बुलाए जाने पर पलट कर देखने में वक्त लेगा। वहां से मुझे किरदार का एटीट्यूड मिल गया था।
- ऐसे किरदारों में और क्या खास बात होती है, जो आप आकृष्ट होते हैं?
0 ये किरदार नार्मल नहीं होते। फिर इन्हें निभाते समय महसूस होता है कि हर एक्शन और संवाद में कुछ कहा जा रहा है। आप पंक्तियां भी नहीं बदल सकते, क्योंकि उनमें कोई सूचना, जानकारी या प्रतिक्रिया रहती है। ‘फगली’ का मेरा किरदार हरियाणवी है, लेकिन उसकी बातें सारे दर्शक समझ सकेंगे।
- इस फिल्म में आपके साथ तीन नए कलाकार है। क्या कोई जिम्मेदारी महसूस करते हैं?
0 जिम्मेदारी तो डायरेक्टर की ही रहती है। किसी सीन में साथ हों तो मैं नार्मल रहता हूं। मैं चौटाला का किरदार निभा रहा हूं। वह अडिय़ल है। उसकी इमेज से किसी को झिझक हुई हो तो फिल्म के लिए अच्छा ही होगा। चारों ने बहुत अच्छा और कंफीडेंस से काम किया है। कियारा, मोहित, विजेन्द्र और अरफी सभी अच्छे लगेंगे।
- आप के लिए ‘फगली’ का मतलब क्या है?
0 ‘फगली’ का मतलब सभी के लिए अलग-अलग है। फिल्म की थीम को यह टायटल अच्छी तरह व्यक्त करता है। मेरे लिए ‘फगली’ अगली से ऊपर का शब्द है।
- आप ने सुना होगा कि ‘बुलेट राजा’ में लगभग सभी की यही राय थी कि आप के किरदार की मौत के बाद फिल्म आगे नहीं बढ़ पाती?
0 यह सुन कर अच्छा लगता है। तिग्मांशु धूलिया ने स्वयं यह बात स्वीकार की कि मूल आयडिया पर चलना था। मेरे किरदार को इंटरवल में आने का फैसला गलत हो गया। दोनों की जुगलबंदी में दर्शकों की रुचि हो गई थी। मेरे मरते ही वह जुगलबंदी खत्म हो जाती है। ऐसी टिप्पणियों के बावजूद फिल्म न चले तो बुरा लगता है।


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