दीपिका पादुकोण से अजय ब्रह्मात्‍मज की बातचीत


-अजय ब्रह्मात्मज

- 2012 आप के लिए बहुत अच्‍छा रहा। 'काकटेल’ हिट रही। अभी किस मूड में हैं आप?
0 फिलहाल तो मैं ‘कॉकटेल’ का सक्सेस एंज्वाय कर रही हूं। प्रमोशन के समय हमने सबको कहा था कि मेरे लिए यह बहुत स्पेशल फिल्म है। मैं बहुत ही खुश हूं कि लोगों को फिल्म अच्छी लगी। मेरा परफारमेंस अच्छा लगा। मैंने ‘कॉकटेल’ में बहुत मेहनत की थी। उस रोल के लिए प्रेपरेशन करना पड़ा। बहुत रिहर्सल भी की मैंने। फिलहाल तीन फिल्मों पर फोकस कर रही हूं। शाहरूख खान के साथ ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ कर रही हूं।रणगीर कपूर के साथ  ‘ये जवानी है दीवानी’ लगभग पूरी हो गई है। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘रामलीला’ की शटिंग आरंभ हो गई है।
- ‘रेस 2’ भी पूरी हो गई होगी?
0 ‘रेस’ पूरी हो गई है और अब डबिंग कर रही हूं उस फिल्म की। कल ही हमलोगों फिल्म का लोगो ऑन लाइन लांच किया। दीवाली के दिन प्रोमो लांच हुआ। 25 जनवरी को फिल्म रिलीज होगी। ‘रेस 2’ मेरी अगली रिलीज है। ‘कॉकटेल’ के बाद यह नेक्सट फिल्म होगी और पहली बार मैं एक्शन थ्रिलर फिल्म कर रही हूं। पहली बार मैं अब्बास-मस्तान जी के साथ काम कर रही हूं तो मैं बहुत ही एक्साइटेड हूं।
- ‘कॉकटेल’  देखते हुए बार-बार महसूस हो रहा था कि दीपिका में कांफिडेंस के साथ निखार आया है?
0 जी, थोड़ा सा कांफिडेंस लोगों को नजर आया ‘कॉकटेल’ में। मुझे भी महसूस हुआ,इसलिए शायद लोगों को मेरी परफारमेंस अच्छी लगी। मैंने हमेशा यही कहा है कि इस इंडस्ट्री को और फिल्म मेकिंग के प्रोसेस को समझने में मुझे काफी वक्त लगा,क्योंकि मैं इस इंडस्ट्री से नहीं हूं। न ही मेरे कोई रिलेटिव हैं। ऐसा भी नहीं कि मैं मुंबई से हूं। बहुत सारे एडजस्टमेंट करने पड़े। बहुत कुछ सीखना पड़ा। मैं आसानी से हार नहीं मानती। खिलाड़ी की बेटी हूं। मैं जो भी करती हूं, अच्छे से करना चाहती हूं। फिल्म इंडस्ट्री के तरीकों को थोड़ा समझ पाई हूं।
- और अब अच्छी तरह से एंज्वाय कर रहे हो ऐसा लग रहा है साफ।
0 कैमरे के सामने बिल्कुल एंज्वाय करती हूं। मैं ज्यादा सोचती नहीं हूं। मैं एंज्वाय करती हूं।
- ‘कॉकटेल’ के क्लाइमैक्स को लेकर मुझे कुछ दिक्कत थी।  वेरोनिका जैसी इडीपेंडेंट किरदार के कैरेक्टर को थोड़ा चेंज करना पड़ता है। गौतम के प्रेम को जीतने के लिए ऑर्थाेडोक्स लडक़ी की तरह रोल प्ले करना पड़ता है। मैं दीपिका पादुकोण ़ ़ ़आज की आजाद और कामकाजी लडक़ी से जानना चाहता हूं कि क्या किरदार के व्यक्तित्व में आया वह बदलाव सही था?
0 देखिए मैं पर्सनली विलीव करती हूं कि ़ ़ ़ पर्सनली मैं यह मानती हूं कि यू शूड नॉट चेंज फॉर एनी वडी, यू शूड बी योरसेल्फ ़ ़ ़किसी और के लिए खुद का नहीं बदलना चाहिए। हम जैसे हैं,वैसे ही रहें। अपनी पर्सनैलिटी में विश्वास करें। जब प्यार होना है तो वह हो ही जाएगा। मैं जरूर कहूंगी कि किसी को चेंज नहीं होना चाहिए। यह कहना बहुत ही आसान पर मैं जानती हूं कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं,जो प्यार में आकर बदलते हैं। पर्सनैलिटी में थोड़ा चेंज आता है। फिर भी सैद्धांतिक रूप से यही कहूंगी कि लड़कियों को नहीं बदलना चाहिए।
- बिल्कुल ़ ़ ़इस विषय पर दूसरे मत भी हो सकते हैं। फिलहाल, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘रामलीला’, ‘ये जवानी है दीवानी’ के बारे में क्या-क्या बता सकती हैं कुछ भी?
0 मैं सिर्फ यह कह सकती हूं कि ‘रामलीला’ और ‘ये जवानी है दीवानी’ दोनों  लव स्टोरी है। ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ रोमांटिक कामेडी है। तीनों फिल्म में मेरा कैरेक्टर बहुत ही अलग है। ‘रामलीला’ में मैं गुजराती कैरेक्टर प्ले कर रही हूं। ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में तमिल लडक़ी का रोल प्ले कर रही हूं। ‘ये जवानी है दीवानी’ का जो कैरेक्टर है,वह बहुत ही मॉडर्न लडक़ी है। कैरेक्टर,लुक और कैरेक्टराइजेशन के हिसाब से तीनों कैरेक्टर बहुत ही अलग हैं। मेरे लिए बहुत ही   चैलेंजिंग है,क्योंकि मैं तीनों फिल्मों पर एक साथ काम कर रही हूं।
- फिल्मों में आ जाने के बाद आप किसी स्टेट या किसी एक इलाके के नहीं रह जाते, फिर भी मैं दीपिका से जाना चाहूंगा कि वह खुद को कहां की मानती हैं?
0 मैं लोगों के दिलों में रहना चाहती हूं। वही मेरा ठिकाना और पहचान है।
- यह तो बहुत अच्छा जवाब हुआ। मैं फिर से पूछता हूं कि दीपिका पादुकोण की सही पहचान क्या है?
0 मैं अपने आपको हिंदुस्तानी मानती हूं। लोग कहते हैं कि मैं मॉडर्न हूं। इस जमाने की लडक़ी हूं। मेंटली, इमोशनली, कल्चरली मैं बहुत ट्रेडिशनल हूं। मेरा एक बहुत ही सिंपल अपब्रिंगिंग रहा है। मैं खुद को इंडियन मानती हूं। मैं यह नहीं सोचती हूं कि मैं कहां से हूं, मेरा थॉट प्रोसेस क्या है? मैं मानती हूं कि मैं इंडियन हूं सब से पहले। भारतीय संस्कूति और परंपरा का मुझे गर्व है। मैं लोगों का प्यार चाहती हूं और उनके दिलों में रहना चाहती हूं। यही मैं चाहती हूं।
 जिस तरह से आप कैरियर पर ध्यान दे रही हैं और अच्छी फिल्में करती जा रही हैं़ ़  इसमें आपके उम्र के लड़कियों के लिए जो जरूरी चीजें मानी जाती हैं- प्रेम और शादी। इन दिनों करिअर वीमेन इन्हें निश्चित समय के लिए दरकिनार कर देती हैं। क्या ऐसा ही कुछ है दीपिका के साथ?
0 जी, बिल्कुल। फिलहाल तो मैं अपने काम पर फोकस कर रही हूं और अपनी फैमिली को बहुत मिस करती हूं। मेरा एक ही रीग्रेट कि मैं अपनी फैमिली के साथ ज्यादा टाइम शेयर नहीं कर सकती। पर आज मैं जहां हूं,वहां बहुत खुश हूं। जितना मुझे मिला है, जितना मुझे लोगों ने दिया है, उन से मैं बहुत खुश हूं। मैं मेहनत करती रहूंगी। प्यार-शादी  ़ ़ ़फिलहाल इनके बारे में मैं नहीं सोच रही हंू।
- फिल्मों के अलावा और क्या इंटरेस्ट हैं?
0 फिल्मों के अलावा मुझे स्पोर्टस में बहुत इंटरेस्ट है। मेरा एक चैरिटी        ऑर्गनाइजेशन है  ़ ़ ़ओलम्पिक का गोल क्वेस्ट। उस से बहुत सारे हमारे इंडियन स्पोर्टसमेन जुड़े हुए हैं ़ ़ ज़ैसे मेरे पिता जी है, लिएंडर पेश हैं, विश्वनाथन आनंद और गीत सेठी हैं। हम सब इस ऑर्गनाइजेशन के फाउंडर हैं और हम अपकमिंग टैलेंट को स्पोर्ट करते हैं अलग-अलग फील्ड से। चाहे बैडमिंटन हो, बॉक्सिंग, राइफल शूटिंग हो या कोई और गेम। हमने गगन नारंग, साइना नेहवाल और विजय कुमार को सपोर्ट किया। इन सभी एथलीट को हम जरूरत की सारी चीजें मुहैया कराते हैं। हम चाहते हैं कि वे ओलम्पिक में अच्छा प्रदर्शन कर लौटें। इस बार जब वे पुरस्कार लेकर आए तो लोगों के लिए बहुत ही प्राउड मूवमेंट रहा। उनकी जीत में हमारा थोड़ा कंट्रीब्यूशन रहा। अभी हम 2016 के ओलम्पिक के लिए काम कर रहे हैं।
- एक्टिंग के अलावा किसी और आर्ट फॉर्म को आपने सीखा है या सीखना चाहती हैं?
0 कह सकती हूं कि म्यूजिक में मेरा ज्यादा इंटरेस्ट है। जब भी अच्छा गाना सुनती हूं तो डाउनलोड करती हूं। दोस्तों के आय पॉड से गाने लेती हूं। मेरे पास बहुत सारे अलग-अलग किस्म के गाने हैं। इसके अलावा स्कूल के दिनों में ड्राइंग और पेंटिंग करती थी। अभी मुझे वक्त नहीं मिलता। एक इच्छा है कि मैं कोई भी इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखूं। गिटार और पियानो मेरे ध्यान में हैं। जैसे ही थोड़ा वक्त मिलेगा मैं इसकी कोशिश करूंगी।
- इस साल आपको कौन सी फिल्में अच्छी लगीं?
0  मुझे अपनी फिल्म ‘कॉकटेल’ सबसे ज्यादा अच्छी लगी। इसके अलावा मैंने भरोसेमंद लोगों से ‘इंग्लिश विंग्लिश’ के बारे में सुन रखा है। अभी तक देख नहीं पाई हूं। मुझे अनुराग बसु की ‘बर्फी’ बहुत अच्छी लगी।
- ऐसा लग रहा है कि फिल्मों में हीरोइनों को अब ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। वे सिर्फ शो पीस या सौंग-डांस के लिए ही नहीं ली जा रही हैं। आपकी ‘कॉकटेल’ भी एक उदाहरण है।
0 फिलहाल मैं इस विषय पर पूरे अधिकार के साथ कुछ नहीं कह सकती। अभी मैं जो भी स्क्रिप्ट चुन रही हूं उसमें अपने रोल पर ध्यान देती हूं। वह कैरेक्टर मुझे एक्साइट करे । सिर्फ गाना गाने या डांस करने के लिए मैं फिल्म नहीं कर सकती। मुझे लगता है कि फिल्म की कहानी में मेरे किरदार का कंट्रीब्यूशन होना चाहिए।
- आप ढेर सारे प्रोडक्ट एंडोर्स कर रही हैं। क्या उन्हें स्वीकार करने के पहले आप उनकी गुणवत्ता परखती हैं?
0 अभी मैं नौ प्रोडक्ट का एंडोर्समेंट कर रही हूं। मैं हर प्रोडक्ट और ब्रांड की जांच-पड़ताल करती हूं। ऐसा नहीं है कि जो ऑफर आ गया उसे एक्सेप्ट कर लिया। जरूरी है कि मैं उस ब्रांड के साथ रिलेट करूं।
- अपनी उम्र की लड़कियों के लिए क्या संदेश देंगी? वे कैसे आपकी तरह कामयाब हों?
0 जैसा कि एक सवाल के जवाब में मैंने कहा कि हमें नहीं बदलना चाहिए। अपनी पर्सनैलिटी पर गहरा विश्वास होना चाहिए। आप जो हैं, उस पर अडिग रहें। खुद पर यकीन करें। सिंपल ़ ़ ़









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