दर्शक मेरे साथ हैं और क्या चाहिए? -रोहित शेट्टी

 
-अजय ब्रह्मात्मज
    ‘जमीन’ से ‘सिंघम’ तक की यात्रा में रोहित शेट्टी ने एंटरटेनिंग फिल्मों की श्रेणी में अपना खास स्थान बना लिया है। कामेडी, कामेडी में एक्शन या एक्शन कामेडी और एक्शन फिल्मों में उनका जोड़ नहीं है। अजय देवगन के साथ उनकी बेहतरीन अंडरस्टैंडिंग है। उनकी फिल्मों में सहयोगी कलाकारों के साथ हीरोइनें बदल जाती हैं, लेकिन अजय देवगन एवं बाकी तकनीकी टीम वही की वही रहती है। अब शायद थोड़ा परिवत्र्तन हो, क्योंकि रोहित शेट्टी की अगली फिल्म शाहरुख खान के साथ ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ होगी। फिलहाल, रोहित शेट्टी ने अगली फिल्म ‘बोल बच्चन’ के बारे में बातें थीं?
- क्या है ‘बोल बच्चन’?
0 यह एक फैमिली एंटरटेनिंग फिल्म है। इसमें कामेडी है, एक्शन है, गाडिय़ां उड़ती हैं और दो-दो बच्चन हैं। नीट एंड क्लीन मसाला एंटरटेनर है। आप पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं। दो-ढाई घंटे का ज्यॉय राइड है।
- हर फिल्म में कुछ नयापन तो लाना पड़ता होगा। वर्ना दर्शक ऊब जाएंगे?
0 वह मेरी लेखन टीम करती है। लोग मुझसे पूछते हैं कि आपकी फिल्म की यूएसपी (यूनिक सेलिंग पाइंट) क्या है? मैं हमेशा कहता हूं कि यह दर्शक बताएं कि उन्हें क्या खास और अच्छा लगा। पांच-छह साल से यूएसपी पूछने-बताने का चलन हुआ है। मैंने हमेशा की तरह ईमानदारी से एक फिल्म बनाई है। अब दर्शक बताएं कि उन्हें कैसी लगी?
- हृषीकेष मुखर्जी की ‘गोलमाल’ और ‘बोल बच्चन’ में क्या समानताएं हैं?
0 हम ने ओरिजनल आइडिया हृषिदा की ‘गोलमाल’ से ही लिया है। फिल्म देखने पर आप को पता चलेगा कि ‘गोलमाल’ के अधिकार हमने क्यों खरीदे होंगे? कहानी के मुख्य तत्व वहीं से हैं। प्लॉट लाइन वही। बाकी हमने कुछ बदलाव किए है। इसमें उत्पल दत्त का किरदार नहीं है। वहां एक हीरोइन थी। यहां दो हीरोइन है। पहली फिल्म में विलेन नहीं था। गाडिय़ां नहीं उड़ रही थीं। लोग तो अभी से कहने लगे हैं कि मैंने कैसे ‘गोलमाल’ के रीमेक की हियाकत की। एक तो यह रीमेक नहीं है। दूसरे, ‘गोलमाल’ के निर्माता ने मुझे खुशी-खुशी राइट दे दिए। उन्हें प्राब्लम नहीं है। बाकी क्यों परेशान हैं? हृषिदा से बेहतरीन फिल्म बनाने का दावा मैं कैसे कर सकता हूं?
- आप के आलोचक आप की फिल्मों को लेकर बहुत कटु हैं। आप की प्रतिक्रिया
0 चार इंटेलेक्चुअल और क्रिटिक तो कुछ भी बोलेंगे। मुझे उनसे मतलब ही नहीं है। मेरी फिल्म करोड़ों दर्शक देखते हैं। क्रिटिक की क्या वैल्यू रह गई है? उन्होंने मुझे कभी डेढ़ स्टार से ज्यादा नहीं दिया, लेकिन आडिएंस ने हमेशा मेरी फिल्में पसंद कीं। मुझे क्रिटिक की आलोचना से प्रॉब्लम नहीं है। वे अपनी लैंग्वेज पर ध्यान दें। वे जिस तरह से धोते-उड़ाते और जोकर बना कर पेश करते है,ठीक नहीं हैं। आप मेरी फिल्म की आलोचना करो। मुझ पर व्यक्तिगत आक्षेप न करो। फिल्म की क्वालिटी सही नहीं लगे तो लिखें न, लेकिन रोहित शेट्टी जोकर नहीं है। बड़ी मेहनत से यहां पहुंचा हूं और दर्शक मुझे प्यार करते हैं। प्लीज, माइंड योर लैंग्वेज।़ एक महिला क्रिटिक ने करीना कपूर से टीवी इंटरव्यू में पूछा कि आप रोहित शेट्टी की फिल्म क्यों कर रही हैं? जैसे मैं कोई घटिया या गंदा फिल्ममेकर हूं। हमारा बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन है। हम रेवेन्यू जेनरेट करते हैं, तब इंटेलेक्चुअल सिनेमा बनता है। इस बात पर मैं बहस कर सकता हूं। आप मेरी फिल्म को क्रिटिसाइज करो, लेकिन मेरी बेइज्जती न करो।
- रोहित आप देश-दुनिया के हर तरह के सिनेमा से परिचित होंगे क्या आप मानते हैं कि आप ही श्रेष्ठ फिल्म कर रहे हैं और दूसरी तरह का सिनेमा अच्छा नहीं है... 
0 मैं सबकी कद्र करता हूं। उनका सिनेमा अच्छा है, लेकिन मेरा भी बुरा नहीं है। मैं दर्शकों को एंटरटेन करता हूं। आप जिस सिनेमा की बात कर रहे हैं, वह करने में मुझे डर लगता है। मुझे जो आता है, वह कर रहा हूं। आज भी ‘3 इडियट’ , ‘मुन्नाभाई’ या ‘रंग दे बसंती’ देखता हूं तो महसूस करता हूं कि मुझे वहां तक पहुंचने के लिए अभी बहुत काम करना है। मैं उन्हें खारिज नहीं कर सकता। उनकी फिल्में देख कर श्र्मिंदगी महसूस करता हूं। राजकुमार हिरानी अगर मुझे बताएं-समझाएं तो मैं उनकी बात गौर से सुनूंगा। इन क्रिटिक की नहीं सुनूंगा, जो किसी एजेंडा के तहत भत्र्सना करते हैं।
- ‘बोल बच्चन’ में अभिषेक बच्चन को लाने का इरादा शुरू से था क्या?
0 फिल्म लिखते समय ही उनका नाम ध्यान में था। मैं हमेशा ध्यान रखता हूं कि मेरी फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे कलाकारों के बीच अच्छी केमिस्ट्री हो। अजय के साथ उसी एक्टर की केमिस्ट्री जमती है जो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जानता है। फिर मुझे अजय से उम्र में छोटा एक्टर चाहिए था। पर्दे पर दोनों कलाकारों के बीच सीनियर-जूनियर का फर्क दिखे। अभिषेक और अजय पुराने दोस्त हैं। हम सभी एक भाई जैसे हैं। मुझे अजय और अभिषेक की ‘जमीन’ न चल पाने की भरपाई भी करनी थी। अजय और अभिषेक के बीच का कम्फर्ट भी पर्दे पर दिखायी पड़ेगा। फिल्म लिखते-लिखते ख्याल आया कि किरदार का नाम भी अभिषेक बच्चन रख देते हैं और फिल्म के टायटिल को वचन से बच्चन कर देते हैं। अगर अभिषेक या बच्चन सर नहीं होते तो इस फिल्म का नाम कुछ और होता।
- बोल बचन को ‘बोल बच्चन’ बनाने के पीछे क्या वजह रही?
0 मुंबई में बोल बचन ही बोलते हैं,बोल वचन नहीं। बचन को बच्चन कर दिया। तीसरे इस फिल्म में अभिषेक बच्चन का किरदार बहुत ही बोल बचन करता है। हमने थोड़ी आजादी ले ली है। मैंने उन दोनों अनुमति लेकर ही फिल्म का नाम ‘बोल बच्चन’ रखा।
- शेडयूल के अंत में अमिताभ बच्चन को लाने का आयडिया आपका ही है। यह ख्याल कैसे आया?
0 फिल्म का एक टायटल सौंग करना था। मुझे लगा कि उसमें बच्चन सर ठीक रहेंगे। क्यों न हम उनका सूत्रधार की तरह इस्तेमाल करें। बच्चन सर को इस फिल्म के बारे में मालूम था। जब मैंने उनसे टायटल सौंग करने की बात की तो वे राजी हो गए। उन्होंने कुछ पूछा भी नहीं। मैंने उनसे कहा कि आपको गाना और नाचना भी पड़ेगा तो वे चौंके और बोले - चलो सब करवा लो। उन दिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। फिर भी उन्होंने पांच दिनों में रिकॉर्डिंग और शूटिंग पूरी की। इस गाने में अजय ने भी पहली बार गाया है। गाना अच्छा बन गया है। बच्च्न सर का आशीर्वाद हमें मिला है। उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
- ब'च्चन जी की सभी तारीफ करते हैं। आप किन शब्दों में उनकी तारीफ करेंगे?
0 सबसे पहले तो उनकी ईमानदारी और लगन प्रभावित करती है। वे मुझसे पूछते और अनुमति लेते थे कि मैं ऐसा कुछ करने जा रहा हूं। मुझे बड़ा अजीब सा लगता था लेकिन वे कहते थे  - यू आर द डायरेक्टर। आज भी वे अपना काम पहली फिल्म की तरह करते हैं। तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने 30-35 रिहर्सल की है। हमलोग उनके आराम का ध्यान रखते थे लेकिन वे हमारे काम का ध्यान रखते थे। समय पर आना और सेट पर बैठे रहना। सभी से बातें करना और पैकअप के बाद भी सेट पर जमे रहना ...उनकी ये कुछ बातें हमेशा याद रहेगी। मुझे लगता है कि इन गुणों के कारण ही वे अमिताभ बच्चन हैं।
- ‘जमीन’ के समय से अभी के अभिषेक बच्चन में कितना फर्क आया है?
0 बतौर अभिनेता अभिषेक बच्चन बहुत खुल गया है। इस फिल्म में उनकी
अदाकारी से हर दर्शक खुद को जुड़ा महसूस करेगा। उन्होंने प्रयासहीन परफॉर्मेंस दिया है। ‘बोल बचचन’ में नॉर्मल अभिषेक बच्चन दिखायी पड़ेंंगे।
- आपकी ‘चेन्नई एक्सपे्रस’ को लेकर काफी चर्चा है। कहा जा रहा है कि रोहित अपनी वफादारी बदल रहे हैं?
0 (लंबी हंसी) ऐसा कुछ भी नहीं है। अगर ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में भी अजय को लिया होता तो सब लोग यही पूछते कि कब तक अजय देवगन के साथ काम करते रहेंगे। अभी किसी और को लिया तो लोग पूछ रहे हैं कि अजय क्यों नहीं है इस फिल्म में? मुझे लगा कि इस फिल्म के लिए शाहरुख सही रहेंगे। मैंने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई इस तरह हमलोग एक साथ आ गए। ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के तुरंत बाद मैं अजय देवगन के होम प्रोडक्शन की एक फिल्म कर रहा हूं । उसके बाद करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म करूंगा।



Comments

Seema Singh said…
रोहित जी,सिंघम और गोल माल ने दर्शकों का -खूब और भरपूर मनोरंजन किया, आशा करते हैं मनोरंजन की द्रष्टि se "बोल बच्चन "भी दर्शकों का खूब और भरपूर मनोरंजन करेगी ,हंसाएगी,गुदगुदाएगी .........| हमारी शुभकामनायें हैं .....!

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