प्रेम-रोमांस : विनाइथंडी वरुवाया ( वीटीवी )



शालिनी मलिक ने तमिल फिल्‍म विनाइथंडी वरुवाया ( वीटीवी ) के बारे में लिखा है। शालिनी मास कम्‍युनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं। उनसे shalini14chaudhry@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

यहाँ पर विदेशी फिल्मों के बीच मैं एक भारतीय फिल्म विनाइथंडी वरुवाया ( वीटीवी ) की चर्चा करना चाहूंगी। वेलेंनटाइन डे से तीन दिन बाद एक फिल्म आ रही है एक दीवाना था,जिसमें प्रतीक और एमी जैक्‍सन दिखेंगे। मूलरुप से तमिल भाषा की यह फिल्म विनाइथंडी वरुवाया ( वीटीवी ) अब तक तीन भाषाओं में बन चुकी है, हर भाषा में अलग भाव व्यक्त करती....

पर कहते है कि जो बात असल में होती है वह नकल में नही आती। फिल्म वही है कहानी भी वही है पर जो बात वीटीवी की जेसी (नायिका) में है ,वह निराली है। आप इस जेसी और कार्तिक (नायक) की कहानी में खो जाते है। जैसा कि फिल्म का नाम है विनाइथंडी वरुवाया जिसका अर्थ है क्या तुम आसमानों को पार करोगी और आओगी...

फिल्म के नाम में उसकी पूरी कहानी सिमटी हुई है। कहानी एक कट्टर ईसाई प

रिवार की लड़की जेसी और तमिल हिन्दू लड़के कार्तिक के प्यार की है। कार्तिक का प्यार बंदिशो को बहा ले जाता है,पर जेसी अपने प्यार और परिवार के बीच उलझी है। उसे यह उलझन भी है कि वह कार्तिक से उम्र में बड़ी है। वह कार्तिक से प्यार करती है,पर समाज से लड़ना नही चाहती। यह हर उस लड़की की कहानी है जो अपने प्रेम को पाना तो चाहती है पर अपनों को दुख पहुँचाना उसे मंजूर नही और अंत में वह अपने परिवार को चुनकर अपने प्रेम को मन में छुपाकर जिदंगी से समझौता कर लेती है। कार्तिक उसकी मजबूरी का सम्मान करता है। यही उसके प्यार की गहराई है। उसे जेसी से शिकायत नहीं कि वह उसके लिए आसमान को पार नही कर पायी पर उसे पता है कि जेसी उसे मिले ना मिले पर जेसी का प्यार तो उसी का है। प्रेम का यही भाव अमर कहलाता है

फिल्म में जेसी थी त्रिशा और कार्तिक का किरदार निभाया था शिम्बू ने। परदे पर इन्होने अपनी केमस्ट्री से ऐसा जादू जगाया है कि आपको एक पल भी यह नही लगेगा कि आप कोई फिल्म देख रहे है। दोनों ने प्रेम के एहसास को अपने सधे हुए अभिनय से एक सजीव अभिव्यक्ति प्रदान की है। गौतम मेनन जो फिल्म के निर्देशक उन्होंने फिल्म को एक सच्चाई प्रदान की है। यह फिल्म आपको यश चोपड़ा की फिल्‍मो की तरह सपनो की दुनियाँ में नही ले जाती पर आपको प्यार के मीठे दर्द का एहसास कराती है। और प्यार का यह दर्द ही इसकी खासियत है

Comments

Anonymous said…
haal hi me dekhi maine ye film... film kee ending behad acchi hai.. trisha acchi hain... film me lead actor kee saare scene uth nahi paaye hain...varna kahta hai ki behtareen film hai... south kee romantic films men main "paaruthiveeran" kee naam lena chahunga... jo nishchit taur par behad prabhavit kartee hai... abhinay kahani har drishti se...
shalini said…
ji bilkul sahi kaha aapne paaruthiveeran bhi acchi film hain
lakshman sharma said…
aapne isi ki ek aur telugu remake ka zikra nahi kiya jisme Jessi ka role Samantha ne kiya tha.. and She got best actress award(debut I guess).. use bhi dekhiye.. itni hi achhi bani hai.. Hindi Films me mujhe is tarah ke end ka logo ko pasand aana kuchh sandehaaspad lagta hai.. khair.. dekhte hai.. lekh achha laga..

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