एक्शन फिल्म है दम मारो दम

-अजय ब्रह्मात्‍मज

रोहन सिप्पी और अभिषेक बच्चन का साथ पुराना है। 'कुछ न कहो', 'ब्लफ मास्टर' के बाद 'दम मारो दम' उनकी तीसरी फिल्म है। 'दम मारो दम' के बारे में बता रहे हैं रोहन सिप्पी

दम मारो दम एक सस्पेंस थ्रिलर है, जिसमें अभिषेक बच्चन पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं। उनके साथ प्रतीक बब्बर और राणा दगुबटी भी हैं। फिल्म में बिपाशा बसु की खास भूमिका है, जबकि दीपिका पादुकोण सिर्फ एक गाने में दिल धड़काती दिखेंगी।

'दम मारो दम' को कॉप स्टोरी कह सकते हैं, लेकिन यह एक सस्पेंस थ्रिलर है। हमने एक नई कोशिश की है। फिल्म में तीन कहानिया हैं, जो एक दूसरे से गुंथी हुई हैं। पहली कहानी प्रतीक की है। वह स्टुडेंट है। एक खास मोड़ पर लालच में वह गलत फैसला ले लेता है। उसकी भिड़ंत एसीपी कामत से होती है। फिर अभिषेक की कहानी आती है। वह एक इंवेस्टीगेशन के सिलसिले में बाकी किरदारों से टकराता है। तीसरी कहानी में राणा और बिपाशा की लव स्टोरी है। राणा भी अभिषेक के रास्ते में आता है।

हमारी कहानी पूरी तरह से फिक्शनल है। खूबसूरती की वजह से हमने गोवा की पृष्ठभूमि रखी। गोवा की छवि के प्रति हम सवेदनशील रहे हैं। फिल्मों के लोकेशन के तौर पर जब कोई शहर चुना जाता है, तो उसके अच्छे-बुरे किरदार वहीं के होते हैं। दर्शकों को मालूम रहता है कि वे फिल्म देख रहे हैं, न कि डाक्यूमेंट्री।

फिल्म के टाइटल का ख्याल मशहूर गाने दम मारो दम से आया था। भारत में ड्रग या नशीले पदार्थो को लेकर कोई भी फिल्म बने, तो उसके रेफरेंस में दम मारो दम आएगा ही। वह बहुत ही खूबसूरत, दमदार और सही इंपैक्ट का गाना है। फिल्म में एक पार्टी की सिचुएशन बनी, तो हम ने वहा यह गाना डाला। दीपिका इस आइटम के लिए राजी हो गईं। 'दम मारो दम' नाम से ही फिल्म का सब्जेक्ट समझ में आ जाएगा। टाइटल का आइडिया लेखक श्रीधर राघवन ने दिया था।

एसीपी कामत के रोल में अभिषेक जंचे हैं, वैसे हम ने पहले उन्हें राणा वाला रोल दिया था। उन्होंने खुद ही पुलिस ऑफिसर का रोल चुना। उनकी तुलना उनके पिता से न करें। हमारी फिल्म के जरूरत के अनुसार उन्होंने बेहतरीन परफार्मेस दिया है। मैं इसे अभिषेक की एक्शन फिल्म कहूंगा। हालाकि अगर फिल्म हिट होती है तो उसका श्रेय सभी कलाकारों को मिलेगा।

सयोग है कि मेरी तीसरी फिल्म अभिषेक के साथ आ रही है। हमलोग बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं। स्कूल में वह मुझ से जूनियर थे। काम करने के बाद वह हमारे दोस्त बने हैं।

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