आन बान और खान-सौम्‍या अपराजिता/रघुवेंद्र सिंह

देखते ही देखते सलमान खान की दबंग ने आमिर खान की 3 इडियट के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया। दबंग ने पहले हफ्ते में 81 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय किया, जबकि 3 इडियट ने 80 करोड़ रुपए की कमाई की थी। बॉक्स ऑफिस पर इस नए रिकॉर्ड को कायम कर सलमान ने आमिर से बाजी मारते हुए शाहरुख के लिए चुनौती पेश की है। रा.वन फिल्म से अब इस चुनौती पर खरा उतरना शाहरुख खान की आन, बान और शान के लिए जरूरी हो गया है। उनके सामने पहले ही हफ्ते में 80-81 करोड़ रुपए से अधिक कमाई करने की चुनौती रहेगी।

[स्टार पॉवर की होगी परीक्षा]

''दबंग के रिकॉर्ड को शाहरुख अवश्य चुनौती के रूप में लेंगे। यह उनकी फितरत है। वे हर चीज को चुनौती के रूप में लेते हैं'', वरिष्ठ फिल्म पत्रकार मीना अय्यर के इस कथन से ज्ञात होता है कि दबंग से मिली चुनौती से शाहरुख खान भली-भांति वाकिफ हैं। जब भी सलमान या आमिर की कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के नए सोपान छूती है, तब उनके स्टार पॉवर की परीक्षा की घड़ी आ जाती है। ऐसा ही कुछ दबंग की रिलीज के बाद हो रहा है। ट्रेड व‌र्ल्ड एवं फिल्म इंडस्ट्री में इस बात पर बहस छिड़ चुकी है कि क्या शाहरुख रा.वन से दबंग के बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड को तोड़ेंगे? रा.वन अभी निर्माणाधीन है, लेकिन ट्रेड व‌र्ल्ड ने अभी से शाहरुख पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव डालना शुरू कर दिया है। ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श कहते हैं, ''शाहरुख टॉप के एक्टर हैं, इसलिए उनसे और उनकी फिल्म से उम्मीदें लाजमी हैं। यदि शाहरुख सलमान से बाजी मारते हैं, तो यह इंडस्ट्री के लिए अच्छा होगा।'' ट्रेड विशेषज्ञ अमोद मेहरा इसे शाहरुख की स्टार पॉवर की परीक्षा मानते हैं। वे कहते हैं, ''अब शाहरुख खान की स्टार पॉवर की परीक्षा होगी। सलमान ने शाहरुख के सामने हंड्रेड पर्सेट चुनौती खड़ी कर दी है।''

[इस बार नहीं दोस्तों का साथ]

शाहरुख खान के लिए इस बड़ी चुनौती पर खरा उतरना आसान नहीं है, क्योंकि इस बार करीबी मित्र भी उनके साथ नहीं होंगे। यदि शाहरुख खान की अब तक की सुपरहिट फिल्मों पर नजर डालें तो ज्यादातर फिल्मों के निर्देशक या निर्माता उनके करीबी मित्र रहे हैं, जिनमें आदित्य चोपड़ा, करण जौहर और फराह खान उल्लेखनीय हैं। रा.वन में शाहरुख पहली बार निर्देशक अनुभव सिन्हा से जुड़े हैं साथ ही रा.वन का सुपरहीरो उनकी अभी तक की रोमांटिक हीरो की छवि से जुदा है। जहां 3 इडियट और दबंग पारंपरिक हिंदी सिनेमा के ढांचे पर आधारित थीं, वहीं रा.वन हिंदी फिल्मों के लिए नया प्रयोग है। मीना अय्यर कहती हैं, ''माय नेम इज खान और रा.वन के बीच एक साल का गैप होगा। रा.वन अगले साल जून में रिलीज हो रही है। शाहरुख के इस प्रयोग को देखने लोग थिएटर में जरूर आएंगे।''

[आमिर-सलमान गठजोड़ से दिक्कत]

मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और मिस्टर कूल सलमान खान की दोस्ती भी शाहरुख खान की फिल्म के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। सर्वविदित है कि आमिर और सलमान दोनों ने एक-दूसरे की फिल्मों को प्रमोट किया था। दोनों ने एक-दूसरे की फिल्में देखीं और एक-दूसरे की जमकर तारीफ की। परिणाम यह हुआ कि सलमान खान के प्रशंसक 3 इडियट देखने थिएटर पहुंचे और दबंग देखने के लिए आमिर खान के प्रशंसक भी सिनेमाघरों में भीड़ जुटा रहे हैं। इस लिहाज से शाहरुख खान का पलड़ा हल्का नजर आ रहा है। उनके सामने सलमान खान और आमिर खान के प्रशंसकों को खींचने की चुनौती होगी। कॉलेज स्टूडेंट अमूल्य के अनुसार, ''3 इडियट अपने कंटेंट के कारण सुपरहिट हुई, जबकि दबंग सिर्फ सलमान खान के कारण चल रही है। जहां तक रा.वन का सवाल है, तो मुझे लगता है कि इस समय शाहरुख खान को लेकर वैसा क्रेज नहीं है।''

[तीन वर्गो में बंटे प्रशंसक]

खान त्रयी के मामले में दिलचस्प बात यह है कि उनके प्रशंसक तीन वर्गो में बंटे नजर आते हैं। जहां आमिर खान के प्रशंसकों में सुधी दर्शकों की संख्या ज्यादा है, वहीं सलमान खान के चाहने वालों में सिंगल थिएटर के दर्शक ज्यादा हैं, जबकि शाहरुख की रोमांटिक छवि पर आम और खास दोनों वर्ग के दर्शक फिदा हैं। साठ साल से हिंदी फिल्मों के निर्माण में सक्रिय योगदान दे रही रैमनार्ड लैब के मालिक मनोज कुमार सेकसरिया कहते हैं, ''अर्से बाद दबंग ने देश के छोटे शहरों के दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। अब शाहरुख खान को रा.वन से साबित करना होगा कि वे ग्रामीण भारत का दिल जीत सकते हैं।''

[तूफान से पहले की खामोशी]

फिल्म इंडस्ट्री और ट्रेड व‌र्ल्ड में चल रही इस गुफ्तगू से वाकिफ होते हुए भी शाहरुख बेफिक्र हैं। वे अपने होम प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही इस सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म के निर्माण में व्यस्त हैं। कहा जा रहा है कि सलमान खान की दबंग ने अभी तक जितनी कमाई की है उससे ज्यादा पूंजी निवेश से रा.वन निर्मित हो रही है। किंग खान चाहते हैं कि रा.वन के रिलीज होने पर दर्शकों को सुखद आश्चर्य हो कि हिंदी सिनेमा में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ऐसी फिल्म भी बन सकती है। अपनी पूरी टीम के साथ शाहरुख रचनात्मक मांद में घुस गए हैं, जहां मीडिया का पहुंचना मुश्किल है। संभवत: शाहरुख की यह चुप्पी तूफान के आने से पहले की खामोशी है!


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