मैसेज भी है क्रेजी 4 में: राकेश रोशन


राकेश रोशन ने अपनी फिल्म कंपनी फिल्मक्राफ्ट के तहत अब तक जितनी भी फिल्में बनाई हैं, सभी का निर्देशन उन्होंने खुद किया है, लेकिन क्रेजी-4 उनकी कंपनी की पहली ऐसी फिल्म है, जिसे दूसरे निर्देशक ने निर्देशित किया है। फिल्म में खास क्या है, बातचीत राकेश रोशन से।
अपनी कंपनी की फिल्म क्रेजी 4 आपने बाहर के निर्देशक जयदीप सेन को दी। वजह?
बात दरअसल यह थी कि कृष के बाद मैं बहुत थक गया था। इसलिए सोचा कि साल-डेढ़ साल तक कोई काम नहीं करूंगा, लेकिन छह महीने भी नहीं बीते कि बेचैनी होने लगी। एक आइडिया था, इसलिए मैंने सोचा कि यही बनाते हैं। मैंने जयदीप सेन से वादा किया था कि एक फिल्म निर्देशित करने के लिए दूंगा। इसलिए उनसे आइडिया शेयर किया। वह आइडिया सभी को पसंद आया और वही अब क्रेजी 4 के रूप में आ रही है। जयदीप के अलावा, अनुराग बसु भी मेरे लिए एक फिल्म निर्देशित कर रहे हैं। उनकी फिल्म गैंगस्टर से प्रभावित होकर मैंने रितिक रोशन और बारबरा मोरी की फिल्म काइट्स उन्हें दी है। मैं आगे भी नए और बाहर के निर्देशकों को फिल्में दूंगा। मेरे अंदर ऐसा गुरूर नहीं है कि अपने बैनर की सारी फिल्में मैं ही निर्देशित करूं।
आइडिया आपका था, लेकिन दूसरा निर्देशक उसे अपने हिसाब से रचेगा। क्या इस तरह की आजादी आप दे पाएंगे?
बिल्कुल आजादी देता हूं, लेकिन मुझे जंचना चाहिए। और हां, अगर मुझे कोई खामी दिखती है, तो मैं सुझाव जरूर देता हूं। मैं उनके साथ बैठता हूं। मेरी सहमति के बाद ही वे आगे बढ़ते हैं। दरअसल, वे मेरे अनुभव का लाभ उठाना चाहते हैं। अगर उनके अंदर अहं नहीं है और मेरे अंदर अहंकार नहीं है, तो बेहतर काम होगा ही। वैसे, एक सच्चाई यह भी है कि अगर कोई निर्देशक सुनने को तैयार नहीं हो, तो मैं उसके साथ काम ही नहीं करूंगा।
क्रेजी 4 किस तरह की फिल्म है और निर्देशक ने कैसी फिल्म बनाई है?
यह सोशल मैसेज देने वाली एक अच्छी फिल्म है और जयदीप ने संतोषजनक काम किया है। दरअसल, क्रेजी 4 में हम एंटरटेनिंग तरीके से सोशल मैसेज दे रहे हैं। इस फिल्म के माध्यम से हम यह बताना चाहते हैं कि लोग किसी को डांट कर या प्रवचन देकर नहीं समझा सकते। हां, अगर रोचक और मनोरंजक तरीके से कोई बात कही जाए, तो उसका असर ज्यादा होता है। यह फिल्म अरशद वारसी, राजपाल यादव, इरफान और सुरेश मेनन पर है। मैंने उन्हें बुलाकर कहा था कि यह फिल्म आप लोगों के कारण ही चलेगी, क्योंकि आपके कैरेक्टर और परफॉर्मेस की फिल्म है। आप एक-दूसरे पर हावी होने की कतई कोशिश मत करिएगा।
माना जाता है कि फिल्म चाहे जिस भी विधा की हो, उसमें लव स्टोरी होनी ही चाहिए?
यह कहानी मेरे पास पहले से थी और मुझे अभी का वक्त इसके लिए सही लगा। वैसे, मुझे उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे। मेरी अन्य फिल्मों की तरह यह भी एंटरटेनिंग फिल्म ही होगी।
फिल्म का मैसेज क्या है?
फिल्म रोचक तरीके से यह सवाल हल करती है कि हम जिन्हें क्रेजी समझ रहे हैं, क्या वे सचमुच क्रेजी हैं या यह दुनिया क्रेजी है? चारों किरदारों के जरिए यह बात बहुत ही खूबसूरत अंदाज में कही गई है।
फिल्म में शाहरुख खान, रितिक रोशन और राखी सावंत को एक साथ लाने की वजह कहीं यह तो नहीं है कि फिल्म कमजोर पड़ रही थी?
बिल्कुल नहीं, ये सब फिल्म की जरूरत के हिसाब से आए हैं। शाहरुख और राखी नहीं होते, तो कोई और होता। मैंने उन दोनों से रिक्वेस्ट की और दोनों मान गए, तो फिर किसी और को लेने का सवाल ही नहीं था। रितिक फिल्मक्राफ्ट के निदेशक भी हैं। वे फिल्म में चारों किरदारों को इंट्रोड्यूस करते हैं।

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