हिन्दी फ़िल्म:महिलायें:पांचवा दशक

पांचवे दशक की शुरूआत बहुत अच्छी रही.महबूब खान ने १९४० में 'औरत' नाम की फ़िल्म बनाई.इस फ़िल्म को ही बाद में उन्होंने 'मदर इंडिया' नाम से नरगिस के साथ बनाया.'औरत' की सरदार अख्तर थीं.उन्होंने इस फ़िल्म के पश्चात् महबूब खान के साथ शादी कर ली थी.इस दौर में फिल्मों में पीड़ित नायिकाओं की अधिकता दिखाई देती है.इसके अलावा फिल्मों के सवक होने से नाच-गाने पर जोर दिया जाने लगा.ऐसी अभिनेत्रियों को अधिक मौके मिले]जो नाच और गा सकती थीं.खुर्शीद ने 'भक्त सूरदास'(१९४३) ,'तानसेन'(१९४३) और 'पपीहा रे'(१९४८) से दर्शकों को झुमाया.देश के बँटवारे के बाद खुर्शीद पाकिस्तान चली गयीं.एक और मशहूर अभिनेत्री और गायिका ने पाकिस्तान का रूख किया था.उनका नाम नूरजहाँ था।महबूब खान के 'अनमोल घड़ी'(१९४६) के गीत आज भी कानों में रस घोलते हैं.भारत में उनकी आखिरी फ़िल्म दिलीप कुमार के साथ 'जुगनू' थी.खुर्शीद और नूरजहाँ तो पाकिस्तान चली गयीं,लेकिन सुरैया ने यहीं रहम का फैसला किया. वजह सभी जानते हैं.हालांकि उनकी मुराद पूरी नहीं हो सकी.सुरैया की पहली फ़िल्म 'ताजमहल'(१९४१) थी.'अनमोल घड़ी' के साथ नूरजहाँ की याद आती है,लेकिन इसी फ़िल्म में गया सुरैया का गीत 'सोचा था क्या,क्या हो गया' ने उनके प्रशंसकों की भीड़ बढ़ा दी थी.कहते हैं उनकी फ़िल्म 'बड़ी बहन' के प्रीमियर के समय पुलिस को उन्हेब बचने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा था.फिल्मों और फ़िल्म स्टारों की दीवानगी का यह पहला उदाहरण माना जाता है.कोलकाता से जद्दन बाई अपनी बेटी फातिमा अब्दुल रशीद को लेकर मुम्बई आ गई थीं.यहाँ महबूब खान ने उन्हें नरगिस नाम दिया.१९४८ में आई 'आग' दे नरगिस ने कामयाबी की ऐसी ज्वाला जगाई कि सुनील दत्त से शादी करने तक वह राज कपूर समेत पूरे देश के दिलों क्व्व धड़कन बनी रहीं.मुमताज बेगम जहाँ गरीब परिवार में पैदा हुईं,लेकिन वह बाला की खूबसूरत थीं.उनके पिता अताउल्लाह खान ने हिमांशु राय और देविका रानी से अपनी बेटी की मुलाक़ात करवाई.उन्होंने उस लड़की को 'बसंत' फ़िल्म में बाल कलाकार का काम दिया और उसका नाम बदल कर बेबी मुमताज कर दिया.देविका रानी ने ही उन्हें मधुबाला नाम दिया.बतौर नायिका मधुबाला की पहली फ़िल्म 'नीलकमल' थी.उस फ़िल्म के निर्देशक केदार शर्मा थे.चार सालों में उहोंने २४ फिल्मों में काम कर तहलका मचा दिया था.बांबे टॉकीज की १९४९ में आई 'महल' से वह सबकी चहेती बन गयीं।

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