देव डी का आइडिया-अनुराग कश्यप

अब चूंकि घोषणा हो चुकी है ... इसलिए मुझे बता ही देना चाहिए ... मैं नवंबर में देव डी अभय देओल के साथ बना रहा हूं। हमलोग पिछले साल से ही इस फिल्म के निर्माण की कोशिश में हैं, लेकिन कोई भी हाथ लगाने को तैयार नहीं है , क्योंकि इंडस्ट्री में प्रस्ताव बनते हैं ़ यहां फिल्में नहीं बनतीं ़ ़ ़ शुरू में मैं भी इस फिल्म को लेकर उतना गंभीर नहीं था, क्योंकि मैं अपना तथाकथित बाजार खराब नहीं करना चाहता था, जो अभी-अभी मेरे लिए खुला है ़ ़़ ़ मैं जिससे भी मिला, एक ही बात सुनने को मिली ़ ़ ़ अभय बहुत नैचुरल एक्टर है, लेकिन वह बिकता नहीं ़ ़ ़ मेरा जवाब होता था कि हम देवदास बेच रहे हैं, अभय नहीं ़ ़ ़ क्या भारतीयों के बीच देवदास नहीं बेच पाएंगे? क्या बात कर रहे हैं ? लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहते ़ ़ ़ मैंने उन्हें नहीं बताया कि मेरी फिल्म में ' मिट्टी वजन मार्डीं' और 'हवाएं ' जैसी फिल्में कर चुकी पंजाबी अभिनेत्री पारो का रोल करेगी ़ ़ ़ देवदास के बारे में हमारी टेक से वे चौंक सकते थे ़ ़ ़ हमारा देवदास निष्ठाहीन है और पारो भी कुंवारी कन्या नहीं है। चंद्रमुखी अपनी पसंद से एस्कॉर्ट का काम करती है और मेरी अप्रदर्शित फिल्म ब्‌लैक फ्रायडे का येड़ा याकूब चुननी लाल का रोल करेगा और वह वायब्रेटर लेकर घूमेगा ़ ़ ़ क्या गड़बड़ी है तुम्हारे साथ ़ ़ ़ ? क्या आपको पता नहीं कि पालिका बाजार में सबसे ज्यादा सेक्स खिलौने बिकते हैं ़ ़ ़ क्या आपको पता नहीं कि करोलबाग के ज्यादातर होटलों में छुपे तौर पर एस्कॉर्ट का धंधा चलता है -
तो क्या आप सोशल फिल्म बना रहे हैं ?
नहीं सर
फिर आप क्या बना रहे हैं ?
मैं देवदास बना रहा हूं।
यह कैसा देवदास है
मेरे प्रकार का है
आपका प्रकार क्या है
मेरा देवदास आत्मग्लानि का शिकार नहीं है , वह खुद को नए रूप में पाता है
किस रूप में पाता है
पाता है कि वह लंपट है, पाखंडी है, वह सनसनी चाहता है, इसलिए वह आत्महंता है ़ ़ ़ लेकिन उसे मालूम नहीं कि वह खुद को खत्म कर रहा है।
क्या आपको लगता है कि इसे दर्शक स्वीकार करेंगे ?
वे इसे देखने आंएगे, वे इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते, हो सकता है कि वे इसे देखने के बाद गालियां दें, शुद्घतावादी कुछ कहेंगे और सुभाष के झा भी
सुभाष के झा क्यों?
वे बताएंगे कि कैसे मैं देवदास करने के लिए गलत आदमी हूं, वे मुझे निंदक कहेंगे ़ ़ ़ इससे आपको प्रचार मिलेगा और मुझे अपनी फिल्म क्यों ?
क्या आप खुद को इतना खास मानते हैं कि एसकेजे रिएक्ट भी करेंगे
हो सकता है प्रिंट में न करें , लेकिन व्यक्तिगत बातचीत में जरूर जिक्र करेंगे
उससे कैसे प्रचार मिलेगा
मुझे नहीं मालूम, मैं उम्मीद कर रहा हूं
सॉरी, अगर अभय के साथ करना है तो तीन करोड़ के अंदर करें या फिर जॉन को ले आएं और जो भी बजट चाहें ले लें
लेकिन यह अभय का कांसेप्ट है , उसने पहले सोचा
फिर कुछ और करो
ओके
यही चलता रहा, मैं कुछ और सोचने का नाटक करता रहा और चुपचाप किसी और की तलाश करता रहा
और एक नयी स्क्रिप्ट मेरे दिमाग में लिखी गयी 'एक लड़की जो किसी के साथ भी सोने को तैयार है' ़ ़ ़ मैने मुराकामी से शीर्षक उधार ले लिया ़ ़ ़ उनकी किताब का एक किरदार ़ ़ ़ वे तुरंत जिज्ञासु हुए और फिर सुना और पूछा
लेकिन सेक्स कहां है?
बिल्कुल
लेकिन अनुराग हम तुम्हें समझ नहीं पा रहे हैं
क्यों, क्या गलत हो गया
अगर फिल्म में सेक्स नहीं है तो फिर ऐसा नाम क्यों
यही तो असल आइडिया है
इसके बाद उन्होंने कहा, ' अनुराग, तुम प्रतिभाशाली हो , तुमने लंबा इंतजार किया, अब तुम्हारा वक्त आया है, सभी तुम्हारे साथ काम करना चाहते हैं , तुम ऐसा मौका क्यों गंवा रहे हो , कोई कमर्शियल फिल्म करो ़ ़ ़ अपनी तरह से करो ़ ़ ़ हम नहीं कहते कि हॉलीवुड की नकल करो, लेकिन कमर्शियल करो।'
मुझे लगता है कि मैं कमर्शियल हूं , मेरे सारे विचार कमर्शियल हैं। (मैं नाराज हो उठता था) आप उसे देख नहीं पा रहे हैं।
आखिर सारे लोग मुझ में रुचि क्यों दिखा रहे हैं , ब्‌लैक फ्रायडे बॉक्स ऑफिस को हिलाना तो दूर वहां निशान भी नहीं छोड़ सकी ़ ़ ़ फिर क्यों मुझ में रुचि ली जा रही है ़ ़़ ़ क्या सिर्फ इसलिए कि किसी स्टार ने मेरी तारीफ कर दी है और उसने कह दिया है कि मैं अनुराग कश्यप के साथ काम करना चाहता हूं, फिर ऐसा क्यों होता है कि जब मैं उसे कहानी सुनाता हूं तो वह मेरी तरफ ऐसे देखता है जैसे मैं अनाप-शनाप बक रहा हूं। वे मेरी तरफ ऐसे ही हमेशा देखते हैं। मेरी फिल्म शुरू और खत्म होने के बाद कहते हैं कि हमें साथ काम करना है। मुझे लगता है कि इस इंडस्ट्री का सामूहिक आईक्यू टेस्ट होना चाहिए ़ ़ ़ और अगर कोई क्ख्0 का अंक पार कर ले तो मुझे आश्चर्य होगा
यह तुम्हारी समस्या है ़ ़ ़ तुम हमेशा नाराज रहते हो ़ ़ ़ कोई तुम से बात नहीं कर सकता ़ ़ ़ एक बात जानते हो, कोई भी तुम से इतनी घृणा नहीं करता, जितना तुम मानते हो ़ ़ ़ यहां तक कि यशराज के लोग भी कहते हैं कि वह अच्छा लड़का है ़ ़ ़ बस उसे अपना गुस्सा कम करना चाहिए ़ ़ ़ वे तुम्हारी मदद करना चाहते हैं ़ ़ ़
हेलो, क्या ऐसा लगता है कि मुझे मदद चाहिए ़ ़ ़ मेरी जरूरत है कि लोग मुझ में यकीन करें ़ ़ ़ मेरी जरूरत है कि वे मेरी मदद करने की कोशिश बंद करें, मैं आपको मेरी जिंदगी बेहतर बनाने से रोकना चाहता हूं ़ ़ ़ मैं ऐसे आदमी की तलाश में हूं जो समझ सके कि मैं किसी को दिवालिया नहीं करना चाहता, मैं आर्ट फिल्ममेकर नहीं हूं, मैं दर्शन नहीं बेचना चाहता, मैं ऐसी फिल्म बनाना चाहता हूं, जिसे सभी देखें ़ ़ ़ मैं भी उन दर्शकों के बीच पहुंचना चाहता हूं, जो सभी के लक्ष्य हैं और आप यह कैसे कह सकते हैं कि मैं नहीं पहुंच सकता ़ ़ ़ अपने मन का काम किए बगैर मैं कैसे पहुंच सकता हूं।
रोना बंद करो अनुराग
एक मीटिंग में ऐसा ही हुआ ़ ़ ़ बाकी यों ही थे ़ ़ ़ वे मुझ में रुचि नहीं रखते थे ़ ़ ़ ख् 00त्त् और ख्00े की मेरी बड़ी फिल्में सुनिश्चित हो गई हैं ़ ़ ़ हमलोग ख्0क् 0 की बातें कर रहे हैं ़ ़ ़ छोटी फिल्में अभी तक अनिश्चित हैं ़ ़ ़ और अब छोटी फिल्में भी छोटी नहीं रह गयीं ़ ़ ़ वे बड़ी फिल्मों की तुलना में छोटी है ़ ़ ़ वे साढ़े तीन से पांच करोड़ के बीच की फिल्में हैं ़ ़ ़ मैं ढीला पड़ चुका हूं।
फिर मैंने और अभय ने सोचा कि हम देव डी खुद ही प्रोड्‌यूस करेंगे और दूसरी फिल्म के लिए मैं सम्राट से मिला ़ ़ ़ और उसके लिए मैंने एक छोटी फिल्म बनायी ़ ़ ़ वह अनुभव अच्छा रहा ़ ़ ़ मुझे उसका एटीट्‌यूड सही लगा, इसलिए एक-दूसरे की तारीफ करते हुए हमने एक कंपनी स्थापित की और तय किया कि अपने मन की फिल्में बनाएंगे ़ ़ ़ जो कोई नहीं बनाएगा, उसे बनाएंगे और हमलोग वही कर रहे हैं ़ ़ ़़
फिर विकास बाही आए ़ ़ ़ उसे अच्छी तरह समझने के लिए दीवानगी चाहिए ़ ़ ़ वह यूटीवी में स्पॉटब्‌वॉय का बॉस है और उसे मेरे विचार पसंद आए। वह उन्हें बनाना चाहता है ़ ़़ ़ जिन विचारों के लिए मुझे दफ्तरों से निकाला गया ़ ़ ़ और अब वे देव डी बनाना चाहते हैं।
उम्मीद बाकी है अभी भी
पुन:श्च - शरतचंद्र ने देवदास को अपनी निकृष्ट किताब कहा ़ ़ ़ जबकि उनका सबसे ज्यादा चर्चित उपन्यास यही हो गया ़ ़ ़ भारतीय खुद पर दुखी होना पसंद करते हैं ़ ़ ़ तभी तो 'घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं' जैसे गीत लिखे जाते हैं ...

Comments

Anonymous said…
good.thank you chavanni.

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